कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को घर भेजने से लेकर दूसरे जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे रहे सोनू सूद की मानें तो उनका अगला मिशन बुजुर्गों के घुटनों का रिप्लेसमेंट करवाना है। 2021 में वे इसे अपनी प्राथमिकता पर लेकर चल रहे हैं। सोनू के मुताबिक, उन्हें लगता है कि मेडिकल फील्ड में इस एरिया को नजरअंदाज किया गया है।
घुटनों के ट्रांसप्लांट को लेकर सोनू का लॉजिक
स्पॉटब्वॉय से बातचीत में सोनू ने कहा, "ऐसा महसूस किया जाता है कि बुजुर्गों को तब तक मेडिकल देखभाल की जरूरत नहीं होती, जब तक कि उन्हें कोई खतरनाक बीमारी न हो। लोग मुझसे कहते हैं कि जब उन्हीं संसाधनों का इस्तेमाल बच्चों के दिल के ऑपरेशन के लिए कर सकते हैं तो बुजुर्गों के घुटनों के रिप्लेसमेंट पर ध्यान क्यों दें? लेकिन मेरा लॉजिक सिम्पल-सा है कि जब आप बच्चे थे तो आपके पैरेंट्स ने आपको चलना सिखाया था। अब यह सुनिश्चित करना आपका काम है कि वे चल सकें।"
'पैरेंट्स ही बच्चों को सर्जरी कराने से रोकते हैं'
सोनू को लगता है कि बुजुर्गों को अक्सर उनकी दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। वे कहते हैं, "ऐसा नहीं है कि सभी बच्चे अपने पैरेंट्स की जरूरतों को लेकर असंवेदनशील हैं। जब उनके पैरेंट्स को उनके घुटने की सर्जरी की जरूरत होती है, तब वे आगे आते हैं। वे पैरेंट्स होते हैं, जो अक्सर अपने बच्चों को घुटनों की सर्जरी पर पैसा खर्च करने से रोकते हैं। इस तरह से बुजुर्गों की उपेक्षा होती है।"
सोनू ने आगे कहा, "मैं बुजुर्गों की सर्जरी कराना चाहता हूं। ताकि उन्हें ऐसा महसूस न हो कि वे समाज का बेकार और उपेक्षित हिस्सा हैं। 2021 में घुटनों का ट्रांसप्लांट मैं अपनी प्राथमिकता में चाहता हूं।"
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33utjlK
No comments:
Post a Comment