प्रवासियों के मसीहा कहलाने वाले सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान हजारों लोगों की मदद की। मदद का यह सिलसिला अभी तक जारी है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें लगता है सोनू सूद खुद को जिस तरह से जनता के सामने ला रहे हैं वह सही नहीं और उनके इरादे अच्छे नहीं हैं। यह बातें तब सामने आईं जब एक यूजर ने उनकी मदद को पीआर स्टंट बताया।
मदद मांगेन वाला ट्वीट बताया पीआर का काम
यूजर ने सवाल उठाते हुए लिखा- नया ट्विटर अकाउंट, सिर्फ 2 या 3 फॉलोअर, एक ट्वीट। कभी सोनू को टैग नहीं किया। कोई लोकेशन नहीं बताई। कोई कॉन्टैक्ट डीटेल, इमेल एड्रेस नहीं। लेकिन फिर भी सोनू ने इस ट्वीट को ढूंढ लिया और मदद की पेशकश की। पहले भी जो हैंडल्स मदद मांगने आए थे वे सब अपने ट्वीट डिलीट कर चुके हैं। पीआर टीम इसी तरह काम करती है।
सोनू ने पोस्ट की स्नेहिल के इलाज की रसीद
सोनू सूद ने इस यूजर के सवालों का जवाब उसी अंदाज में दिया जिस तरह वे जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। यूजर को रिप्लाय करते हुए सोनू ने एक स्क्रीन शॉट किया है। जो उस हॉस्पिटल की रसीद है जहां स्नेहिल का इलाज किया गया। दूसरी डेढ़ साल की स्नेहिल के टेस्ट की फोटो हैं।
सोनू ने लिखा- ये सबसे बेस्ट पार्ट है भाई। मैंने एक जरूरतमंद को खोजा और उन्होंने मुझे किसी तरह से खोजा। यह सब इरादों की बात है, लेकिन आप समझ नहीं पाएंगे। कल मरीज अस्पताल में होगा। उसके लिए कुछ फल भेजें। 2-3 फॉलोअर वाला व्यक्ति बहुत ही खुश होगा जब उसे कई सारे फॉलोअर्स वाले व्यक्ति से कुछ प्यार मिलेगा।
फिर भी सवाल उठाता रहा यूजर
हालांकि इतने के बाद भी यूजर रिषी बागरी सेटिस्फाई नजर नहीं आया। क्योंकि उसने रिपोर्ट्स देखने के बाद लिखा था- डेट्स देखें, रिपोर्ट्स की गई- 17 सितंबर को। सर्जरी की गई-: 25 सितंबर को। ट्वीट किया गया- 20 अक्टूबर को। मदद का आश्वासन दिया गया - 20 अक्टूबर को। बेसिकली आपने पहले से इलाज करवा रहे किसी व्यक्ति को मदद का आश्वासन दिया। अपनी पीआर टीम को हटा दीजिए जिसने आपकी धोखाधड़ी को उजागर किया है।
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