नॉमिनेट होने के करीब 4 महीने बाद रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड जावेद अख्तर को मिल गया। जिसकी फोटो शबाना आजमी ने सोशल मीडिया पर शेयर की। जावेद अवॉर्ड पाने वाले पहले भारतीय हैं। इसे अंग्रेजी विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिन्स के नाम पर दिया जाता है। 2003 से दिया जा रहा यह अवॉर्ड साइंस, रिसर्च, एजुकेशन या एंटरटेनमेंट फील्ड के नामी व्यक्ति को दिया जाता है, जो पब्लिकली लॉजिकल होकर धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए प्रयास करता है।
शबाना ने शेयर की फोटो
शबाना ने फोटो शेयर करते हुए लिखा- जावेद अपने रिचर्ड डॉकिन्स 2020 अवॉर्ड के साथ। अख्तर और रिचर्ड डॉकिन्स ने शनिवार को अवॉर्ड पर एक वर्चुअल कॉन्फ्रैन्स के दौरान एक दूसरे के साथ बातचीत की थी। नॉमिनेशन की खबर आते ही शबाना ने जून 2020 में कहा था- “मैं बहुत खुश हूं। मैं जानती हूं कि रिचर्ड डॉकिन्स जावेद के लिए प्रेरणा देने वाले नायक की तरह रहे हैं। यह पुरस्कार इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि आज के समय में जब सभी धर्मों के धार्मिक कट्टरपंथी धर्मनिरपेक्षता पर हमले कर रहे हैं तो यह पुरस्कार इस मूल्य की रक्षा के लिए जावेद के प्रयासों को बताता है।”
जावेद ने कहा था हैरान हूं मुझे सुना जाता है
नॉमिनेट होने के बाद जावेद ने एक चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वे अवॉर्ड के बारे में सोच नहीं रहे थे। वे खुद इस बात से हैरान हैं कि आर्गनाइजर उनकी वे बातें सुनते थे जो उन्हें भारतीय राजनीति के बारे में कही थीं। जावेद ने रिचर्ड का शुक्रिया करते हुए कहा था उनका खत मिलना बहुत सरप्राइजिंग था।
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