सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस की सीबीआई जांच के बीच एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती ने एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने सुशांत का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया था। एक्ट्रेस की मानें तो उन्होंने गुस्से में यह कदम उठाया था। दरअसल, रिया ने 8 जून को सुशांत का घर छोड़ दिया था और उनकी मानें तो अभिनेता ने उन्हें एक बार भी रोकने की कोशिश नहीं की और न ही पलटकर उन्हें फोन किया था।
9 जून को सुशांत ने किया था मैसेज
आज तक से बातचीत में रिया ने कहा- उसने मुझे 9 जून को मैसेज किया, जिसमें लिखा था, 'कैसी हो मेरी बेबू' (सुशांत प्यार से रिया को बेबू ही कहते थे)? लेकिन मैं यह सोचकर आहत थी कि वह मुझे अपनी जिंदगी में नहीं चाहता है। जबकि वह जानता था कि मैं बीमार थी। 8 जून को उसने मुझसे संपर्क नहीं किया। 9 जून को मैंने उसे ब्लॉक कर दिया। मेरे पैरेंट्स इस बारे में नहीं जानते थे। लेकिन वह मेरे भाई के संपर्क में था।
अगर उसने मुझसे संपर्क किया होता या पता होता कि ऐसा कुछ हो सकता है तो मैं वापस उसके पास चली जाती। लेकिन मैं नहीं जानती कि क्या हुआ? मैं भी जानना चाहती हूं सब कुछ। उसकी बहन मीतू 8 से 12 जून के बीच वहां थी। वह सामने आकर क्यों नहीं बताती कि आखिर वास्तव में हुआ क्या था?
खबर मिली तो सोचा- ऐसी अफवाह कैसे हो सकती है
रिया कहती हैं- 14 जून की दोपहर करीब 2 बजे मैं अपने भाई के साथ कमरे में बैठी थी। मेरी एक फ्रेंड का फोन आया और बोलीं कि ऐसी कुछ अफवाह उड़ रही है। उसने मुझे इन अफवाहों को रोकने के लिए कहा। उसे पता नहीं था कि मैं अपने घर पर हूं। उसने मुझसे कहा कि सुशांत को बोलो कि एक स्टेटमेंट जारी करे। तभी मुझे लगा कि ऐसी अफवाह कैसे हो सकती है। 10-15 मिनट में सबकुछ साफ हो चुका था।
फिर भी सुशांत के घर नहीं गईं रिया
रिया के मुताबिक, सुशांत की मौत की खबर सुनने के बाद वे उनके घर नहीं गईं। वे कहती हैं- मैं टूट गई। पूरी तरह सदमे में थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है। मुझे बताया गया कि उनके फ्यूनरल में जानने वालों की लिस्ट में मेरा नाम नहीं है। इंडस्ट्री के जिन लोगों के नाम थे, उनमें से ही किसी से पता चला कि मेरा नाम नहीं है। मैं बिल्कुल नहीं जा सकती। वो लोग मुझे वहां नहीं चाहते। उनकी फैमिली मुझे वहां नहीं चाहती।
दोस्त ने दी बॉडी देखने की सलाह
बकौल रिया- मैं उनकी फ्यूनरल में जाने के लिए तैयार थी। लेकिन इंडस्ट्री के कुछ लोगों ने मुझे फोन किया और कुछ ने घर आकर समझाया कि मैं वहां नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि तुम्हे वहां जलील किया जाएगा। तुम्हारी मानसिक हालत ठीक नहीं है। फिर मेरी दो दोस्तों ने मुझसे कहा कि बहुत जरूरी है कि तुम उनकी बॉडी एक बार देख लो। नहीं तो स्वीकार नहीं कर पाओगी कि ऐसा हुआ है और इस बात का क्लोजर नहीं मिलेगा।
और फिर शव देखते ही कहा- सॉरी बाबू
रिया ने सुशांत का शव देखने के बाद 'सॉरी बाबू' कहा था। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा- हां, तो ऐसे में कोई उस इंसान से क्या कहेगा, जो अपनी जान गंवा चुका हो? आई एम सॉरी कि आपने अपना जीवन खो दिया है, और आज आई एम सॉरी कि आपकी मौत को एक मजाक बना दिया गया है। मुझे खेद है कि आपकी आखिरी यादों के तौर पर आपके अच्छे काम, आपकी बुद्धिमत्ता और आपकी चैरिटी को याद नहीं किया जाएगा। मुझे खेद है कि सभी ने आपकी मौत का मजाक बनाया है और मुझे खेद है कि आपने अपना जीवन खो दिया। अगर इसे भी गलत अर्थों में लिया जाएगा तो अब क्या बोलेंगे।
शवगृह में सिर्फ 3-4 सेकंड तक ही रही थी
शवगृह के अंदर रुकने को लेकर रिया ने कहा- शायद 3-4 सेकंड के लिए रुकी थी। मुझे बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया था। मेरे दोस्तों ने किसी से निवेदन किया था कि एक बार बॉडी देखना चाहती हैं, तो उन्होंने बोला कि एक बार जब पोस्टमार्टम खत्म हो जाएगा और जब बॉडी फ्यूनरल के लिए वैन की तरफ जाएगी, उस समय आप देख सकते हैं। जब वहां से वैन के लिए बॉडी निकाली गई, तब मैंने बॉडी को 3-4 सेकंड के लिए देखा था और उन्हें सॉरी कहा था। तब मैंने सम्मान के तौर पर उनके पैर भी छुए थे। भारतीय होने के नाते कोई भी समझ सकता है कि कोई किसी के पैर क्यों छुएगा।
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