Sunday, August 23, 2020

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल बोले- बाबरी मस्जिद के फैसले पर स्वरा भास्कर की टिप्पणी ऐसा मामला नहीं जो कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट जैसा अपराध हो

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के खिलाफ अदालती कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति से इनकार कर दिया है। स्वरा पर यह मामला राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक और निंदनीय बयानों के कारण दर्ज किया गया था।

इसलिए बच गईं स्वरा

वकील अनुज सक्सेना ने स्वरा के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति मांगी थी। गौरतलब है कि स्वरा ने ये बयान 1 फरवरी 2020 को मुंबई कलेक्टिव द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में दिए थे। और किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने के लिए कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट्स एक्ट 1971 की धारा 15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति जरूरी होती है।

अटॉर्नी जनरल ने इसलिए खारिज किया

वेणुगोपाल ने 21 अगस्त को सक्सेना को लिखे पत्र में कहा कि स्वरा का बयान, जो दो पैराग्राफ में है केवल केवल फैक्चुअल है और यह वक्ता के तौर पर उनकी धारणा है।
वेणुगोपाल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह ऐसा मामला है जिसमें अदालत का अपमान हुआ है या अदालत के अधिकार को कम करने का अपराध साबित होगा। इसलिए, मैंने स्वरा भास्कर के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए असहमति व्यक्त की।"



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Attorney General KK Venugopal refused his consent for initiating criminal contempt of court proceedings against Swara Bhaskar


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