रेटिंग | 2 |
स्टारकास्ट | अक्षय खन्ना, प्रियांक शर्मा, रीवा किशन, सतीश कौशिक, सुप्रिया पाठक, राकेश बेदी |
निर्देशक | करण विश्वनाथ कश्यप |
निर्माता | प्राची नितिन मनमोहन |
म्यूजिक | हर्षित सक्सेना, राजू सिंह |
जोनर | कॉमेडी |
अवधि | 132 मिनट |
बॉलीवुड डेस्क. साल के पहले शुक्रवार को रिलीज होने वाली ‘सब कुशल मंगल’ से रवि किशन की बेटी रीवा किशन, पद्मिनी कोल्हापुरे के बेटे प्रियांक शर्मा के अलावा बतौर निर्देशक करण विश्वनाथ कश्यप भी बॉलीवुड में एंट्री कर रहे हैं।
फिल्म की कहानी के अनुसार- बाबा भंडारी (अक्षय खन्ना) एक स्थानीय नेता और उससे ज्यादा गुंडा हैं। जिन लड़कियों की शादी दहेज की वजह से नहीं हो पाती, उनके परिवार वाले बाबा भंडारी का शरण लेते है। बाबा भंडारी ऐसी लड़कियों की शादी लड़के को पकड़कर जबरदस्ती करवा देते हैं। जब इसकी खबर लोकल चैनल रिपोर्टर पप्पू मिश्रा (प्रियांक) को लगती है, तब वह इसे अपने प्रोग्राम- ‘मुसीबत ओढ़ ली मैंने’ के जरिए लोगों तक पहुंचाता है, लेकिन यह बात बाबा भंडारी को चुभ जाती है। वे इसका बदला पप्पू की जबदस्ती शादी मंदिरा शुक्ला (रीवा) से करवा कर लेना चाहते हैं, तब कहानी में एक रोचक मोड़ आता है। फिर तो कैसे मंदिरा के दीवाने खुद बाबा भंडारी और पप्पू, दोनों होते हैं। आखिर मंदिरा किससे शादी करेगी,यही कुछ फिल्म में दिखाया जाता है।
फिल्म का विषय अच्छा चुना गया है, पर इसकी कहानी फिल्म ‘जबरिया जोड़ी’ से मिलती-जुलती नजर आती है। इस रोमांटिक-कॉमेडी जोनर की कहानी अक्षय, प्रियांक और रीवा के कंधों पर है। थिएटर बैकग्राउंड से आए प्रियांक और रीवा अपनी तरफ से कहानी में जान डालने की कोशिश भी है, पर अभिनय-पंचिंग डायलॉग डिलीवरी के जरिए प्यार-रोमांस और कॉमेडी करने में चूकते नजर आए हैं। रीवा अपनी डांस अदायगी से काफी हद तक लुभाती हैं, पर रीवा और प्रियांक, दोनों को एक्टिंग में काफी सुधार की जरूरत है। हां, दुल्हन के लाल जोड़े में रीवा खूबसूरत लगीं।
दूसरी तरफ अनायास खो-खो जैसे संगीत-खेल आदि दिखाकर कहानी में भटकाव भी किया गया है। अक्षय खन्ना बाबा भंडारी से स्मार्ट बनते हैं, पर उनमें ऐसा कुछ खास लुक नजर नहीं आता, जो दर्शकों को लुभा सकें। हां, रियल लोकेशन पर फिल्मायी गई यह फिल्म शहरी दर्शक को गांव की यादें ताजा कराएगी। फिल्म में ‘जमाना बदल गया...’ लोक गीत-संगीत की याद दिलाता है, तो वहीं इस पर थिरकती रीवा के नाच-गाने पर नजर जरूर टिकती है। देखा जाए तो ‘नई वाली जब...’ एक ऐसा अर्थपूर्ण गाना है, जो बाबा भंडारी जैसे एक के बाद दूसरी लड़की के प्यार में पड़ते हैं, उनको सच का आईना दिखाता है। फिल्म में टाइटल सांग सहित कुल छह गाने हैं, पर लोग गुनगुनाएंगे, ऐसा नहीं है।
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