हॉलीवुड डेस्क. फरवरी में 92वें एकेडमी अवॉर्ड्स यानी ऑस्कर का आयोजन होना है। इस साल भी भारतीय सिनेमा अवॉर्ड सेरेमनी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में सफल नहीं हो पाया। जोया अख्तर की फिल्म ‘गली बॉय’ने भारतीय दर्शकों को उम्मीद जगाई थी, लेकिन फिल्म नॉमिनेशन नहीं पा सकी। इंडस्ट्री के दिग्गज इसका कारण भारत में मूवी सिलेक्शन को बताते हैं।
केवल तीन बार ही भारतीय फिल्में ऑस्कर नॉमिनेशन तक पहुंच सकीं हैं। पहली बार साल 1958 में फिल्म ‘मदर इंडिया’ को बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था, लेकिन केवल एक वोट के कारण ‘नाइट ऑफ कैबिरिया’ से हार गई थी। साल 1988 में आई मीरा नायर की ‘सलाम बॉम्बे’ भी इस कैटेगरी में नॉमिनेट हो चुकी है, फिल्म को गोल्डन ग्लोब्स में भी बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था। आशुतोष गोवारिकर की ‘लगान’ को भी बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए 2002 में ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था।
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