ऋषि कपूर हमेशा से ही एक्टर बनना चाहते थे। मेरा नाम जोकर फिल्म में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करने के बाद ऋषि ने एक्टिंग में ही अपना करियर बनाने का मन बना लिया था जिसके चलते पढ़ाई में उनकी रूचि काफी कम थी। एक इंटरव्यू के दौरान रणबीर ने पिता और पढ़ाई पर बात करते हुए खुदको कपूर फैमिली का सबसे एज्यूकेटेड इंसान बताया था।
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में रणबीर कपूर ने बताया कि वो खुद एक एवरेज से भी खराब स्टूडेंट रहे हैं। ऐसे में जब भी उनका रिजल्ट खराब आता तो मां नीतू उन्हें पापा को बताने की धमकी देती थीं हालांकि ऋषि खुद भी खराब स्टूडेंट रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि उस समय ट्विटर नहीं हुआ करता था वरना पापा पता नहीं उसमें क्या लिख देते'।
कपूर खानदान हमेशा से रहा था पढ़ाई से दूर
इंटरव्यू के दौरान रणबीर ने कहा, 'मेरे परिवार का इतिहास पढ़ाई में काफी खराब रहा है। मेरे पिता 8वी में फेल हुए थे, मेरे अंकल 9वी में फेल हुए थे और मेरे दादाजी 6वी में। मैं वाकई में अपने परिवार का सबसे पढ़ा-लिखा लड़का हूं। मुझे 10वी क्लास में 56 प्रतिशत आए थे, इस बात पर लंदन में मेरे परिवार ने जश्न भी मनाया था'।
पढ़ाई छोड़कर चुनी थी एक्टिंग की राह
ऋषि कपूर ने भाईयों के साथ ही चैम्पियन स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली है जिसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई अजमेर के मायो कॉलेज से की। ऋषि कपूर ने स्नातक के लिए कॉलेज जरुर ज्वॉइन किया मगर अपने एक्टिंग करियर के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।
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