Tuesday, April 28, 2020

लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने वालों पर भड़की आशा पारेख, बोलीं- क्या भगवान ने आपको अमरत्व दिया है?

दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख ने लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों को फटकार लगाई है। उन्होंने एक बातचीत में कहा, "वायरस से मरने की बजाय लॉकडाउन में जीवित रहना बेहतर है। यह बीमारी बहुत तकलीफ देती है। आप सांस भी नहीं ले पाएंगे और जो लोग सोच रहे हैं कि उनको नहीं होगा, ऐसे लोगों से मैं पूछना चाहती हूं कि क्या भगवान ने आपको अमरत्व दिया है?" आशा ने आगे कहा, "आपातकालीन सेवा में लगे लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कृपया उनके बारे में सोचिए। पढ़े-लिखे लोगों का इस तरह का व्यवहार देखकर मुझे बहुत गुस्सा आता है।"

एक महीने से बाहर नहीं निकलीं आशा
77 साल की आशा लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर रही हैं। उनकी मानें तो वे एक महीने से घर से बाहर नहीं निकली हैं। उनका ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी उन तक जरूरी सामान पहुंचा रहे हैं। वे कहती हैं, "मैं जानती हूं कि घर में रहना आसान नहीं है और कई बार यह क्लॉस्ट्रोफोबिक हो जाता है। इस पर मुंबई जैसी जगह में सात या आठ लोगों को एक ही कमरा शेयर करना पड़ता है। पर यह सोचो कि आप फिर भी सुरक्षित हैं। इस समय हमें एक-दूसरे के बारे में सोचने की जरूरत है। अगर मैं अब रोने बैठ जाऊं कि कब तक घर में रहूंगी तो क्या होगा? इससे अच्छा है मैं खुश रहूं, पॉजिटिव रहूं।"

ऐसे बीत रहे लॉकडाउन के दिन
आशा के मुताबिक, वे लॉकडाउन में योगा कर रही हैं, किताबें पढ़ रही हैं, टीवी देख रही हैं और हर दिन अपने फैमिली मेंबर्स से बात कर रही हैं। वे कहती हैं, "मेरा भाई (जयेश पारेख) हर दिन शाम 5:30 बजे मुझे कॉल करता है। मैं अपनी कजिन (अमीना अर्सिवाला) से भी बात करती हूं। मेरी बेस्ट फ्रेंड (वंदना शाह) बर्मिंघम में रहती है और हाल ही में मुझे उसने बताया कि कैसे वह कई बार डिप्रेस्ड हो चुकी है। मैंने उसे सांत्वना दी। शबाना (आजमी) का कॉल आया था, पूछ रही थी कि तू अकेली है, कुछ चाहिए हो तो बताना। वहीदा (रहमान; आशा की खास दोस्त) और उसकी बेटी भी कॉल करते रहते हैं।"



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Asha Parekh got angry on those who are violating lockdown rules, Says- Has God given you immortality?


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