बॉलीवुड के जानेमाने एक्टर इरफान खान का मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में बुधवार को निधन हो गया। वह 53 साल के थे। इरफान के साथ एक फिल्म और एक धारावाहिक बना चुका एक्टर-डायरेक्टर राजा बुंदेला ने दैनिक भास्कर के साथ उनसे जुड़े संस्मरण साझा किए। राजा कहते हैं- इरफान बेहतरीन कलाकार होने के साथ एक अच्छे इंसान भी थे। अपने किरदार को जीते थे। हिंदू-मुस्लिम की चर्चा होने पर दुखी हो जाते थे। इरफान के साथ राजा की अगली फिल्म खजुराहो इस साल के अंत में शुरू होनी थी। आइये जानते हैं इरफान से जुड़े संस्मरण राजा बुंदेला की जुबानी...
अपने हर रोल को जीते थे इरफान
राजा बताते हैं- "साल 2001 में हम ललितपुर में फिल्म प्रथा की शूटिंग कर रहे थे। यह मेरी डायरेक्टर के तौर पर पहली फिल्म थी। इरफान भी पहली बार किसी फिल्म में मेन विलेन का रोल कर रहे थे। वह ढोंगी साधू बने थे। इसमें उन्हें चिलम पीना था। वह साधू के गेट अप में नाराहट गांव के एक मंदिर में बाबा के पास पहुंच गए। बाबा को मैंने बताया था कि एक एक्टर चिलम पीना सीखने आएगा। बाबा को सौ रुपए भी दिए थे। इरफान को साधू के गेटअप में देख बाबा समझ नहीं पाया और गांजा भरी असली चिलम पिला दी। इरफान को इतना नशा हुआ कि उस दिन वह शूटिंग नहीं कर पाए।"
रोल के लिए प्रोपर होमवर्क करते थे
"इरफान ढोंगी साधू का रोल कर रहे थे। उनसे एक शॉट के लिए पालती मारकर बैठने को कहा तो वे बोले- पद्मासन में शांत चित साधु बैठते हैं। ढोंगी बाबा नहीं। मुझे तो बार-बार अपना आसन बदलना पढ़ेगा, तभी असली क्रिमिनल माइंडेड शातिर साधू लगूंगा। उनकी यह बात सुनकर मैं भी सोच में पड़ गया। मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद से ही साधुओं के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया था"
खुद बन गए थे कैमरामैन
"एक दिन शूटिंग में कैमरामैन आने में लेट हो गए। उनके स्टाफ ने कैमरा सेटअप कर लिया था। शूट रेडी था, बस कैमरा मैन का इंतजार हो रहा था। उस समय ललितपुर जिले में मोबाइल नहीं थे। काफी देर हुई तो इरफान ने कैमरामैन के असिस्टेंट को समझाया और शूटिंग शुरू कराई। बाद में पूछने पर उन्होंने बताया कि स्टेज का कलाकार सब जानता है और उसे सब जानना पड़ता है।"
हिंदू-मुस्लिम की चर्चा होने पर दुखी हो जाते थे
"इरफान मस्तमौला स्वभाव के थे, लेकिन जब भी हिंदू-मुस्लिम की चर्चा होती थी तो दुखी हो जाते थे। प्रथा फिल्म की शूटिंग के दौरान भी यह विवाद हुआ कि मुस्लिम इरफान हिंदू साधु का रोल कैसे कर रहे हैं। इससे दुखी इरफान ने लोगों को समझाते थे- हिंदू-मुस्लिम बाद में बन लेना, पहले इंसान बन लो। इरफान शूटिंग के लिए मंदिर जाते तो वहां विराजमान शिवलिंग को प्रणाम भी करते थे।"
इरफान के पिता कहते थे- तेरी आंखें नहीं नशे के दो प्याले हैं
राजा बताते हैं- "एक बार मैंने इरफान से कहा- यार तुम्हारी आंखें बड़ी नशीली हैं। तो इरफान ने रिप्लाई किया- यार कोई नई बात कहो। ये तो मेरे पिता भी कहते हैं। वह कहते हैं कि मेरी आंखें नहीं नशे के दो प्याले हैं।"
खजुराहो के लिए करना था साइन
राजा बुंदेला खजुराहो नाम की फिल्म बना रहे हैं। इस फिल्म की मुख्य भूमिका के लिए वह इरफान को साइन करने गए थे। इरफान को स्क्रिप्ट भी दी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद लॉकडाउन लग गया। राजा को उम्मीद थी कि इस साल के अंत तक फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी, लेकिन अब इरफान के जाने के बाद मुख्य किरदार के लिए नए चेहरे को तलाश करना होगा। राजा कहते हैं- हीरो तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन इरफान जैसा कोई नहीं मिलेगा।
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