बॉलीवुड डेस्क. तमिल-तेलुगु फिल्मों में समान रूप से सक्रिय अदा शर्मा स्तरीय काम की तलाश में दोनों ओर के दर्शकों से रूबरू होती रहती हैं। बहरहाल, अब वह हिंदी के तहत नील नितिन मुकेश प्रोडक्शन की 'बायपास रोड' के जरिए दर्शकों से रूबरू होने जा रही हैं। सस्पेंस-थ्रिलर इस फिल्म में वह अपने कैरेक्टर को पोशीदा रखने के तहत कुछ नहीं बताती हैं, सो उनसे उनके कॅरिअर और अभिनय के पहलुओं पर हुई विशेष बातचीत।
यह साल अपनी समाप्ति की ओर अग्रसर है। कॅरिअर के लिहाज से यह आपके लिए कैसा रहा है?
इस साल जनवरी में प्रभुदेवा के साथ मेरी फिल्म 'चार्ली चैप्लिन' रिलीज हुई। उसके बाद तेलुगु में 'कल्कि' रिलीज हुई। फिर वेब सीरीज 'मोह' की रिलीज के बाद हाल में 'द हॉलीडे' स्ट्रीम हुई है। अब 'कमांडो 3' रिलीज होगी। इस लिहाज से देखें तो मेरे पास काफी काम है।
आपने हॉरर फिल्म से शुरुआत करना क्यों चूज किया था?
हां, सामान्यतया यही सोचा जाता है कि एक लड़की को लॉन्च किया जा रहा है तो उसे रोमांटिक फिल्म और किरदार में ही पेश किया जाना चाहिए। जब मुझे '1920' ऑफर हुई थी तो यही सोचा था कि किसी एक्टर को जिंदगी भर ऐसी फिल्म नहीं मिलती है, जिसमें उन्हें अपनी एक्टिंग एबिलिटी दिखाने का मौका मिले। मेरा कोई फिल्मी बैकग्राउंड न होने के बावजूद मुझे ऐसी फिल्म मिल रही है, जिसमें पूरा दारोमदार मेरी एक्टिंग और कैरेक्टर पर है।
अपनी अभिनय क्षमता में आप कितनी अधिक मैच्योरिटी पाती हैं?
जी हां, मैं ऐसा कहना चाहूंगी कि एक एक्टर और इंसान के तौर पर मैं पहले से और बेहतर हुई हूं। दरअसल, मैंने जाना कि जब आप हॉरर टाइप की फिल्म करते हैं तो उसे करने के दौरान आपको फ्री रहना पड़ता है। पचास लोग आपको देख रहे हैं। मेरे हिसाब से कैमरेके सामने फ्री रहना बहुत जरूरी है। इससे आपको अच्छा एक्ट करने में मदद मिलती है। साथ-साथ एक्टिंग में मैच्योरिटी भी देखने को मिलती है।
वह कौन-सी ख्वाहिश है, जिसे पूरा करना चाहती हैं?
मैं एक डांस-बेस्ड म्यूजिकल फिल्म करना चाहती हूं। बेशक, मुझे प्रभुदेवा के साथ फिल्म करते हुए काफी डांस करने का अवसर मिला है, लेकिन मैं एक डांस मूवी करना चाहती हूं। मैंने गोपी-कृष्णा अकादमी से कथक में ग्रेजुएशन किया है और अब तक इस जोनर को एक्सप्लोर नहीं कर पाई हूं, लेकिन जल्द ही करूंगी।
अब हमारे सिनेमा में एक बार फिर रियलिस्टिक एक्ट को तरजीह दी जा रही है और आपने पहली फिल्म में ही वैसा कर दिखाया था। अब एक्टिंग स्टाइल को लेकर क्या ख्याल रखती हैं?
जब मैंने शुरुआत की थी तो ऐसा ही सोचा था कि अगर मुझे डायरेक्टर की ओर से छूट मिलेगी तो मैं रियलिस्टिक एक्ट ही करूंगी। कभी-कभी डायरेक्टर को वह पसंद नहीं आता है और वह कहते हैं कि और लाउड करो तो करना पड़ता है। अगर डायरेक्टर-एक्टर एक सिंक में होते हैं तो मेरी कोशिश होती है कि कुछ रियल करूं।
क्या कभी डायरेक्टर के विजन से कोई ऐतराज होता है?
जी नहीं, ऐसा नहीं है। हम सब लोग साथ में बैठकर डिसाइड करते हैं कि कोई कैरेक्टर कैसे प्ले करना चाहिए। यह कोशिश करती हूं कि खुद को रिपीट न करूं। फाइनली जो भी करूं वह एंटरटेनिंग होना चाहिए।
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