बॉलीवुड डेस्क.स्वरा भास्कर ने एपलॉज एनटरटेनमेंट के लिए रसभरी वेब शो किया। अब उसी कंपनी का एक और वेब शो ‘हेलो मिनी’ एमएक्स प्लेयर पर इन दिनों स्ट्रीम हो रहा है। उसकी थीम लड़कियों को स्टॉक करने वालों और उनकापीछा करने वालों पर है। स्वरा भास्कर ने भी इस बाबत अपनी आपबीती और उसे हैंडल करने के अनुभव को साझा किया है।
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स्वराइस बारे में अपने अनुभव याद करते हुए कहती हैं- पीछा किए जाने या घूरे जाने का अनुभव उन सबसे डरावनी चीजों में से एक है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में हो सकता है। मेरे मामले में कॉलेज में एक शख्स था और मुझे यह देखकर बहुत आश्चर्य होता था कि कैसे उसने मुझे इतना परेशान किया, डराया और असहज किया। वह बस मेरा पीछा किया करता था और थोड़ी दूरी से मुझे घूरता रहता था। हर जगह जहां मैं गई, हर बार मैंने देखा कि वहांवह था। वह मेरी आंखों से आंखें मिलाकर मुझे एक टक देखता रहता था।‘
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स्वरा ने बताया-असल में, मेरे पास डरने की कोई वजह नहीं थी क्योंकि हमारी यूनिवर्सिटीमहिलाओं के लिए सेफ थीऔर मेरे माता-पिता कैंपस में रहते थे।इसलिए मुझे पता था कि मैं सुरक्षित हूं। लेकिन स्टॉकिंग के साथ यह बात जुड़ी हुई है कि यह आपके सबसे सुरक्षित स्थानों को भयावह और डरावना बना सकता है। एक दिन स्टॉकर सुबह 6 बजे मेरे घर पर आया और मेरे माता-पिता से मिला और उसने मेरे लिए कहा कि वह मुझसे प्यार करता था। मेरे माता-पिता भी उसकी इस हरकत से खासे परेशान हो गए थे और चौंक गए थे, लेकिन उन्होंने उसे विनम्रतापूर्वक भेज दिया।
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अपने डर पर जीत पाने की कहानी बताते हुए वे कहती हैं-"मैंने अपने डर पर काबू पाने और उस पीछा करने वाले का सामना करने का फैसला किया। मैं वास्तव में उसके पास गई और उससे कहा कि मुझे उससे बात करने की जरूरतहै। मैंने उससे कहा कि वह जो कुछ भी कर रहा है, उससे मैं बुरी तरह परेशान हो रही हूंऔर इसलिए उसे इसे रोकने की जरूरत है।और उस दिन उसके प्रति मेरा डर पूरी तरह गायब हो गया। तब से जब भी मैंने उसे देखा, मैंने उसे हेलो कहने का मन बना लिया।"
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स्वरा ने आगे बताया-इसके बाद मैं जल्द ही बॉम्बे शिफ्ट हो गई और उम्मीद है कि लड़का अपने जुनून पर काबू पा चुका होगा। लेकिन इसने मुझे एहसास दिलाया कि पीछा किया जाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हमारे सिनेमा और साहित्य में महिला या पीछा करने वाले व्यक्ति के दृष्टिकोण से चीजें कभी भी सामने नहीं रखी गई हैं। हमारी फिल्मों में पीछा करना हमेशा रोमांटिक होता है और असल में इसे ऐसे दिखाना बहुत गैर जिम्मेदाराना है।
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मुझे बहुत खुशी है कि 'हेलो मिनी' में कहानी महिला के नजरिए से कही जा रही है। यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास ऐसी सामग्री हो जो हमारे बीच सार्थक और ईमानदार वार्तालाप उत्पन्न कर सकें, ताकि मौजूद जहर बुझे भावों और विचारों को चुनौती दी जा सके और उन्हें बदला जा सके।
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